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थायरॉइड रोग - कीमत, प्रकार, लक्षण, कारण, जाँच, निदान, उपचार, इलाज और घरेलू उपचार

Thyroid Disease Test in HIndi

थायरॉइड रोग की जाँच

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थायरॉइड रोग (thyroid disease)आज के समय में एक आम समस्या बन चुकी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह वास्तव में क्या है? हमारे शरीर का थायरॉइड ग्रंथि (Thyroid gland)  थायरॉइड हार्मोनों (thyroid hormone) का उत्पादन करता है और हमारी ऊर्जा, मेटाबॉलिज़्म और समग्र स्वास्थ्य को नियंत्रित करता है। जब थायरॉइड ग्रंथि (Thyroid gland) में कोई असामान्यता होती है तो यह कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकती है। अगर आप भी इस विषय पर जानने के इच्छुक हैं या किसी प्रकार की समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो इस लेख में हम आपको थायरॉइड रोग (thyroid disease)से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। इसमें हम इसके लक्षणों, कारणों, निदान प्रक्रिया और उपचार के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। तैयार हो जाइए अपने ज्ञान को बढ़ाने और अपनी स्वास्थ्य यात्रा को समझने के लिए !

थायरॉइड क्या है? (What is Thyroid Disease in Hindi)

थायरॉइड एक तितली के आकार का ग्रंथि (gland) है, जो हमारे गर्दन के आगे स्थित होता है। यह ग्रंथि थायरॉइड हार्मोनों (thyroid hormones) का उत्पादन करती है, जिनमें टी3 (ट्राईआयोडोथायरोनाइन) (Triiodothyronine) और टी4 (थाइरोक्सिन) (Thyroxine) शामिल हैं। ये हार्मोन शरीर की मेटाबॉलिज़्म (metabolism) प्रक्रिया को नियंत्रित करते हैं।

जब थायरॉइड हार्मोन सही मात्रा में बनते हैं, तो हमारा ऊर्जा स्तर (Energy Level) सामान्य रहता है। इसके अलावा, ये हार्मोन शरीर के तापमान, वजन और हृदय गति को प्रभावित करते हैं। लेकिन जब थायरॉइड ग्रंथि (Thyroid gland) में कोई विकार होता है तो यह विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

अधिकतर लोग थायरॉइड से संबंधित समस्याओं का सामना करते हैं जैसे कि हाइपोथायरॉयडिज़म (hypothyroidism) या हाइपरथायरॉयडिज़म (hyperthyroidism)। इन दोनों ही स्थितियों में थायरॉइड द्वारा उत्पन्न हार्मोनों की मात्रा असामान्य होती है।

समग्र रूप से, थायरॉइड हमारी दैनिक जीवनशैली पर गहरा प्रभाव डालता है और इसे स्वस्थ रखना बेहद आवश्यक होता है।

थायरॉइड रोग कितने प्रकार के होते हैं? (Types of Thyroid Disease in Hindi)

थायरॉइड रोग मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं -

  • हाइपोथायराइडिज्म (hypothyroidism)
  • हायपरथायराइडिज्म (hyperthyroidism)

हाइपरथायरॉइडिजम (Hyperthyroidism in Hindi)

हाइपरथायरॉइडिजम एक ऐसी स्थिति है जहां थायरॉइड ग्रंथि (thyroid gland) अधिक हार्मोन का उत्पादन करता है। इससे शरीर की मेटाबॉलिज़्म दर (Metabolic Rate) बढ़ जाता है, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

हाइपरथायरायडिज्म के लक्षण नीचे सूचीबद्ध हैं

उपचार के लिए डॉक्टर आमतौर पर दवाओं या थायरॉइड ग्रंथि (Thyroid gland) को हटाने की सलाह देते हैं। सही समय पर पहचान और उपचार आवश्यक होता है ताकि जटिलताओं से बचा जा सके।

यदि आप हाइपरथायरॉइडिजम से प्रभावित हैं, तो नियमित जांच कराना महत्वपूर्ण होगा ताकि आपके स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा सके।

हाइपोथायरॉइडिजम (Hypothyroidism in Hindi)

हाइपोथायरॉइडिज़्म एक ऐसी स्थिति है जिसमें थायरॉयड ग्रंथि (thyroid gland) पर्याप्त मात्रा में हार्मोन का उत्पादन नहीं करती। यह कमी शरीर की कई प्रक्रियाओं को धीमा कर देती है।

हाइपोथायरॉइडिज़्म के लक्षण नीचे सूचीबद्ध हैं

  • थकान (fatigue)
  • वजन बढ़ना (weight gain)
  • ठंड महसूस करना (feeling cold)
  • त्वचा का सूखापन (skin dryness)
  • अवसाद (Depression)
  • ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई (concentration problem)

इस रोग के कारण विभिन्न हो सकते हैं। आमतौर पर ऑटोइम्यून समस्याएं (autoimmine disease) या आयोडीन की कमी इसके मुख्य कारण होते हैं।

हाइपोथायरॉइडिज़्म का इलाज हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी से किया जाता है। नियमित जांचें आवश्यक होती हैं ताकि सही डोज़ निर्धारित किया जा सके।

यह स्थिति महिलाओं में अधिक प्रचलित है, विशेषकर 30 से 60 वर्ष की उम्र के बीच। समझदारी से देखभाल करना इस समस्या को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।

थायरॉइड रोग के लक्षण क्या है? ( What Are the Symptoms of Thyroid Disease in Hindi)

थायरॉइड रोग (thyroid disease) के लक्षण व्यक्ति से व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं। आमतौर पर, अगर थायरॉइड ग्रंथि ( Thyroid gland )अधिक सक्रिय (active) होती है, तो इसे हाइपरथायरायडिज्म कहते हैं। इसके लक्षण नीचे सूचीबद्ध हैं

  • वजन घटना (Weight Loss)
  • तेज धड़कन (increase heartbeat)
  • अत्यधिक पसीना आना (Excessive Sweating)

यदि थायरॉइड ग्रंथि ( thyroid gland) कम सक्रिय (Active) होती है, तो इसे हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) कहा जाता है, इसके लक्षण नीचे सूचीबद्ध हैं

  • वजन बढ़ना  (Weight Gain)
  • थकान (Fatigue)
  • अवसाद  (Depression)
  • महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता भी एक सामान्य समस्या बन सकती है  (irregular menstruation)
  • बालों का झड़ना (Hairloss)
  • त्वचा का सूखापन (Skin Dryness)
  • गले में सूजन  (Swelling in the Throat)

यह स्थिति गंभीर हो सकती है और तुरंत जांच की आवश्यकता होती है ताकि उचित उपचार किया जा सके।

अगर आप इनमें से कोई लक्षण अनुभव कर रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण होता है। उचित निदान और समय पर चिकित्सा आवश्यक होती है ताकि स्वास्थ्य को बनाए रखा जा सके।

थायरॉइड रोग के कारण क्या हैं? ( What Are the Causes of Thyroid Disease in Hindi)

थायरॉइड रोग (Thyroid Disease) के कारणों की पहचान करना महत्वपूर्ण है। यह समस्या कई कारकों से उत्पन्न हो सकती है। थायरॉइड रोग (Thyroid Disease) के कुछ कारण नीचे सूचीबद्ध है

  • सबसे आम कारण हार्मोनल असंतुलन है। जब थायरॉइड ग्रंथि (thyroid gland)उचित मात्रा में हार्मोन नहीं बनाती, तो इससे विभिन्न प्रकार के विकार उत्पन्न होते हैं।
  • आहार भी एक प्रमुख भूमिका निभाता है। आयोडीन की कमी या अधिकता थायरॉइड पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। साथ ही,
  • खाद्य पदार्थ जैसे गोभी और सोया उत्पाद भी थायरॉइड कार्य को प्रभावित कर सकते हैं।
  • अनुवांशिक कारण (genetic causes) भी इस बीमारी में शामिल होते हैं। यदि परिवार में किसी को थायरॉइड रोग(thyroid disease) हुआ हो, तो इसके होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • तनाव और जीवनशैली परिवर्तन जैसे कारक भी थायराइड समस्याओं का कारण बन सकते हैं। नियमित व्यायाम और संतुलित आहार से इनका प्रबंधन किया जा सकता है।
  • कुछ चिकित्सा स्थितियाँ, जैसे कि ऑटोइम्यून बीमारियाँ (autoimmune disease), विशेष रूप से हाशिमोटो डिजीज़ (Hashimoto’s disease) भी थायरॉयड ग्रंथि (Thyroid gland) को प्रभावित करती हैं और इसे कमजोर कर सकती हैं।

थायराइड विकारों को कैसे रोका जा सकता हैं? ( How to Prevent Thyroid Disease in Hindi)

  • थायराइड विकारों से बचने के लिए सबसे पहले एक संतुलित आहार का पालन करना जरूरी है। आयोडीन युक्त भोजन जैसे समुद्री मछली, अंडे और डेयरी उत्पाद शरीर की थायराइड ग्रंथि को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
  • फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे फल और सब्जियां भी अपने आहार में शामिल करें। ये न केवल पाचन तंत्र को सही रखते हैं, बल्कि शरीर की सामान्य कार्यप्रणाली (Methodology) को भी बेहतर बनाते हैं।
  • नियमित व्यायाम करना भी महत्वपूर्ण है। यह वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है और हार्मोनल असंतुलन से बचाता है। योगा और ध्यान मानसिक तनाव कम करने के लिए सहायक होते हैं, जो थायराइड स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
  • इसके अलावा, नियमित स्वास्थ्य जांच कराना आवश्यक होता है। इससे आप समय रहते किसी समस्या का निदान कर सकते हैं और उचित उपचार शुरू कर सकते हैं।
  • ध्यान रखें कि धूम्रपान एवं शराब का सेवन सीमित करें या पूरी तरह छोड़ दें। ये आदतें आपके समग्र स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डाल सकती हैं, जिससे थायराइड संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

थायरॉइड रोग के निदान के लिए जरुरी परीक्षण क्या- क्या हैं? (What Are the Tests Required to Diagnose Thyroid Disease in Hindi)

थायरॉइड रोग (thyroid disease) का सही निदान करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण परीक्षण होते हैं। ये परीक्षण चिकित्सक को थायरॉइड ग्रंथि (thyroid gland) की स्थिति और कार्यप्रणाली (Methodology) को समझने में मदद करते हैं।

थायरॉइड रोग के लिए रक्त परीक्षण (Blood Test for Thyroid Disease)

थायरॉइड रोग के लिए रेडियोलॉजिकल परीक्षण (Radiological Tests for Thyroid Disease)

थायरॉइड रोग के उपचार क्या है? (Treatments for Thyroid Disease in Hindi)

थायरॉइड रोग (thyroid disease) के उपचार में मुख्य रूप से दवाओं का उपयोग किया जाता है। 

  • हाइपोथायरायडिज्म उपचार (hypothyroidism treatment) :हाइपोथायरायडिज्म के लिए लिवोथाइरोक्सिन (levothyroxine) जैसी हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी दी जाती है। यह थायरॉयड ग्रंथि (thyroid gland) द्वारा उत्पन्न होने वाले हार्मोन की कमी को पूरा करता है।
  • हाइपरथायरायडिज्म उपचार (hyperthyroisidm treatment): हाइपरथायरायडिज्म  का इलाज अक्सर एंटी-थायरॉयडल दवाओं ( anti-thyroid medicines) जैसे कि मेथिमाजोल (methimazole) या प्रोपिल्थियोउरासिल (propylthiouracil) से किया जाता है। ये दवाएं थायरॉयड ग्रंथि (thyroid gland) की गतिविधि को कम करती हैं और शरीर में हार्मोन स्तर को संतुलित करती हैं।
  • कभी-कभी, रेडियोधर्मी आयोडीन (radioactive iodine) थेरेपी भी आवश्यक हो सकती है। इस प्रक्रिया में विशेष सॉफ्टवेयर के माध्यम से थायराइड ग्रंथि को लक्षित करके उसे सिकोड़ने का काम होता है।
  • सर्जरी एक अन्य विकल्प हो सकता है जब दवा और अन्य उपचार कारगर नहीं होते हैं। इसमें कुछ हिस्सों या पूरी थायराइड ग्रंथि (thyroid gland) को हटाना शामिल होता है।
  • इसके अलावा, नियमित स्वास्थ्य जांच और चिकित्सक के साथ लगातार संपर्क रखना महत्वपूर्ण होता है ताकि उपचार योजना सही ढंग से कार्यान्वित हो सके।

थायरॉइड रोग का इलाज कैसे किया जाता है? (How to Treat Thyroid Disease in Hindi)

  • थायरॉइड रोग का इलाज मुख्यतः हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने पर केंद्रित होता है। इसका उपचार विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है, जिसमें दवाएं, थेरापी और कभी-कभी सर्जरी शामिल होती हैं।
  • यदि किसी व्यक्ति में हाइपोथायरायडिज्म है, तो डॉक्टर आमतौर पर लेवोथाईरोक्सिन जैसे सिंथेटिक थायरॉयड हार्मोन की दवा लिखते हैं। यह शरीर में थायराइड हार्मोन के स्तर को सामान्य करने में मदद करता है।
  • हाइपरथायरायडिज्म के मामले में, एंटी-थायरॉयड मेडिसिन जैसे मेथिमाजोल या प्रोपिल्थियोउरासिल दी जाती हैं। इसके अलावा रेडियोधर्मी आयोडीन (radioactive iodine) थेरेपी भी एक विकल्प हो सकता है, जो ग्रंथि की गतिविधि को कम करती है।
  • कुछ मामलों में सर्जिकल हस्तक्षेप आवश्यक हो सकता है। यदि थायराइड ग्रंथि का आकार बहुत बड़ा हो या कैंसर होने का संदेह हो तो सर्जरी करवाई जा सकती है।
  • इसके साथ ही नियमित जांचें और जीवनशैली में सुधार भी महत्वपूर्ण होते हैं। उचित आहार और व्यायाम से शरीर की प्रतिरक्षा बढ़ती है और स्थिति को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।

क्या थायरॉइड रोग एक गंभीर बीमारी है? ( is Thyroid Disease Disease a Serious Illness in Hindi)

थायरॉइड रोग (thyroid disease) एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है, लेकिन इसका प्रभाव व्यक्ति पर निर्भर करता है। यह हार्मोनल असंतुलन के कारण होता है, जो शरीर की कई प्रक्रियाओं को प्रभावित कर सकता है।जब थायरॉइड ग्रंथि (thyroid gland) अधिक या कम सक्रिय होती है, तो इससे वजन बढ़ना या घटना, ऊर्जा स्तर में कमी और मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। लंबे समय तक अनदेखा करने से गंभीर जटिलताएँ उत्पन्न हो सकती हैं।

कुछ मामलों में यह रोग जीवनशैली में बदलाव लाने की आवश्यकता को जन्म देता है। सही उपचार न मिलने पर हृदय संबंधी समस्याएं (heart disease) और अन्य विकार विकसित हो सकते हैं।हालांकि, पर्याप्त जानकारी और सही निदान से इस बीमारी का प्रबंधन संभव है। नियमित जांच और चिकित्सीय मदद से लोग अपनी सामान्य जिंदगी जी सकते हैं।

इसलिए, यह जरूरी नहीं कि हर थायरॉइड रोगी को गंभीर स्थिति का सामना करना पड़े, लेकिन सतर्क रहना आवश्यक होता है।

थायरॉयड रोग से बचने के लिए घरेलू उपचार (Home Remedies to Prevent Thyroi Disease in Hindi)

थायरॉयड रोग से बचने के लिए कुछ प्रभावी घरेलू उपचार हैं जो आप अपने दैनिक जीवन में शामिल कर सकते हैं। थायराइड रोग के लिए घरेलू उपचार नीचे सूचीबद्ध हैं:

  • ग्रीन टी का सेवन करें। इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो थायरॉइड ग्रंथि (thyroid gland) को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
  • अदरक और हल्दी जैसे मसाले भी फायदेमंद हो सकते हैं। इनका नियमित उपयोग शरीर की सूजन को कम करने और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में सहायक होता है।
  • अपनी डायट में आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थों जैसे समुद्री नमक और अलसी के बीज (flax seeds) शामिल करें। ये तत्व थायराइड हार्मोन उत्पादन में सुधार करते हैं।
  • ताजे फल और सब्जियों का भरपूर सेवन करना न भूलें। ये आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं और शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं।
  • वहीं, योगा एवं प्राणायाम भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह मानसिक तनाव को कम करके आपकी थायरॉइड स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
  • इन उपायों के साथ-साथ नियमित डॉक्टर से चेकअप कराना न भूलें ताकि कोई समस्या समय रहते पकड़ी जा सके।

थायराइड होने से कौन सी बीमारी होती है? (What Other Diseases Are Caused by Thyroid Disease in Hindi)

थायराइड ग्रंथि (thyroid gland)शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करती है। जब यह सामान्य से अधिक या कम हार्मोन उत्पादन करती है, तो इससे कई बीमारियाँ हो सकती हैं।जैसे की :

  • हाइपोथायरायडिज़्म (Hypothyroidism): यह  एक ऐसी स्थिति है जिसमें थायरॉइड पर्याप्त मात्रा में हार्मोन नहीं बनाती। इसके परिणामस्वरूप व्यक्ति में थकान, वजन बढ़ता है और मानसिक अवसाद (Depression) जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
  • हायपरथायरायडिज़्म (Hyperthyroidism): यह  एक ऐसी स्थिति है जिसमें थायरॉइड अधिक हार्मोन का उत्पादन करता है। इससे अनिद्रा (Insomnia), घबराहट और दिल की धड़कन तेज होने जैसी समस्याएँ होती हैं।
  • इसके अलावा, थायराइड रोगों का उच्च रक्तचाप और डायबिटीज पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। ये परेशानियाँ लंबे समय तक चलने वाली स्वास्थ्य चिंताओं का कारण बनती हैं।
  • कुछ मामलों में, ऑटोइम्यून स्थितियों जैसे ग्रेव्स रोग या हाशिमोटो की बीमारी भी विकसित हो सकती हैं। ये रोग शरीर के इम्यून सिस्टम द्वारा अपने ही टिश्यूज पर हमला करने से होते हैं।
  • इसलिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना महत्वपूर्ण होता है ताकि इन बीमारियों से बचा जा सके। नियमित जांच व उचित आहार इस दिशा में सहायक सिद्ध होते हैं।

थाइरोइड किसकी कमी से होता है? (What Deficiency Cause the Thyroid Disease in Hindi)

  • थायरॉइड ग्रंथि (thyroid gland) शरीर में हार्मोन उत्पादन के लिए जिम्मेदार होती है। इसके सही कार्य के लिए कुछ महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इनमें से एक प्रमुख तत्व आयोडीन है।आयोडीन की कमी होने पर थायरॉइड ग्रंथि (thyroid gland) सही तरीके से काम नहीं कर पाती। यह हाइपोथायरायडिज़्म जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकती है, जिससे ऊर्जा का स्तर गिरता है और वजन बढ़ सकता है।
  • इसके अलावा, सेलेनियम और जिंक जैसे अन्य खनिज भी आवश्यक हैं। इनकी कमी से थायरॉइड रोग का खतरा बढ़ जाता है। ये तत्व एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करते हैं और ग्रंथि की सुरक्षा में मदद करते हैं।
  • कुछ मामलों में, ऑटोइम्यून स्थितियां भी कारण बन सकती हैं। जब शरीर अपनी ही कोशिकाओं पर हमला करता है तो थायरॉइड विकार हो सकते हैं।
  • इसलिए, संतुलित आहार लेना जरूरी होता है ताकि आवश्यक पोषक तत्व मिल सकें और थायरॉइड स्वास्थ्य अच्छा रह सके।

थायराइड में सबसे ज्यादा क्या खाना चाहिए? (What to Eat Most in the Thyroid Disease in Hindi)

थायराइड रोग (Thyroid disease) के प्रबंधन में आहार का विशेष महत्व होता है। सही खानपान से शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी को पूरा किया जा सकता है, जो थायराइड ग्रंथि के कार्य को संतुलित रखता है।थायरॉइड रोग में खाने योग्य खाद्य पदार्थ नीचे सूचीबद्ध हैं:

  • आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
  • समुद्री मछली, समुद्री खाने आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं। ये थायराइड हार्मोन बनाने में मदद करते हैं।
  • हरी पत्तेदार सब्जियाँ जैसे पालक और मेथी भी महत्वपूर्ण हैं। इनमें मौजूद विटामिन्स और मिनरल्स आपकी ऊर्जा को बढ़ाते हैं और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करते हैं।
  • नट्स तथा बीज जैसे अलसी के बीज (Flax seeds), चिया सीड्स (Chia seeds) व अखरोट भी अत्यंत लाभकारी होते हैं। ये ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं, जो सूजन कम करने में सहायता करते हैं।
  • प्रोटीन्स का पर्याप्त मात्रा में सेवन करना भी आवश्यक है। दालें, अंकुरित अनाज एवं टोफू आपके लिए अच्छे स्रोत हो सकते हैं।

थायराइड को हमेशा के लिए कैसे ठीक करें? (How to Cure Thyroid Permannetly in Hindi)

थायराइड को हमेशा के लिए ठीक करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय नीचे सूचीबद्ध हैं। 

  • नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है। उचित निदान और परीक्षण से ही सही उपचार मिल सकता है।
  • स्वस्थ आहार का पालन करें। आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे समुद्री मछली, डेयरी उत्पाद और नमक का सेवन बढ़ाएं। ये आपके थायरॉइड ग्रंथि को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं।
  • योग और प्राणायाम भी बेहद फायदेमंद होते हैं। इससे तनाव कम होता है, जो थायराइड समस्याओं को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है।
  • समय-समय पर खुद की जांच करवाना न भूलें। यदि कोई लक्षण दिखे या दवा लेने के बाद सुधार ना हो, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
  • अधिकतर लोग सोचते हैं कि केवल दवाइयों पर निर्भर रहना चाहिए लेकिन प्राकृतिक चिकित्सा भी प्रभावी होती है। हर्बल सप्लीमेंट्स जैसे अश्वगंधा और ग्रीन टी आपकी स्थिति में सुधार ला सकते हैं।
  • कुछ समय लग सकता है, लेकिन एक समर्पित प्रयास निश्चित रूप से परिणाम ला सकता है।

थायराइड में क्या परहेज करना चाहिए? (What to Avoid in Thyroid Disease in Hindi)

थायराइड रोग से ग्रसित लोगों के लिए खानपान में विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन थायराइड की समस्या को बढ़ा सकता है।थायरॉइड रोग में परहेज करने योग्य खाद्य पदार्थ नीचे सूचीबद्ध हैं

  • सोया उत्पादों का अत्यधिक उपयोग करने से बचना चाहिए। इनमें फाइटोएस्ट्रोजेन (Phytoestrogens) होते हैं, जो थायरॉइड हार्मोन के संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए टोफू और सोया दूध जैसे सामान सीमित मात्रा में ही लें।
  • गोभी, ब्रोकोली और पत्तागोभी जैसी क्रूसिफेरस सब्जियाँ (Cruciferous vegetables) भी परहेज की सूची में शामिल होती हैं। इनका अधिक सेवन थायराइड ग्रंथि की कार्यप्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
  • शुगर और प्रोसेस्ड फूड्स से दूर रहना महत्वपूर्ण है। ये शरीर में सूजन (Inflammation) को बढ़ाते हैं, जिससे थायरॉयड संबंधी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
  • अत्यधिक कैफीन युक्त पेय पदार्थों का सेवन कम करें क्योंकि यह चिंता और तनाव को बढ़ा सकते हैं, जो अंततः आपके स्वास्थ्य पर असर डालता है।
  • खाना बनाने के लिए आयोडीनयुक्त नमक का उपयोग करना लाभकारी होता है लेकिन इसके अतिरिक्त आयोडीन सप्लीमेंट्स लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

चावल खाने से थायराइड बढ़ता है क्या?

यह एक सामान्य सवाल है। चावल में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है, लेकिन इसमें थायरोइड हार्मोन्स पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ता। फिर भी, संतुलित आहार लेना महत्वपूर्ण है।अगर आप थायरॉइड रोग से प्रभावित हैं, तो आपको अपने भोजन में कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। जैसे कि अगर आपकी स्थिति हाइपोथायरायडिज़्म (कम सक्रिय थायरॉयड) के कारण हो रही है, तो उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें और वसायुक्त (fatty) या प्रोसेस्ड फूड्स से दूर रहें।

इसलिए, चावल का सीमित सेवन आपके लिए सुरक्षित हो सकता है यदि इसे अन्य पोषक तत्वों के साथ संतुलित किया जाए। अपनी डाइट को हमेशा विविध बनाएं और आवश्यक पोषक तत्वों को प्राप्त करने पर ध्यान दें ताकि आप स्वस्थ रह सकें और अपने थायरॉइड स्तर को नियंत्रित कर सकें।अन्य खाद्य पदार्थ जो आपको शामिल करना चाहिए उनमें फल, सब्जियाँ तथा प्रोटीन स्रोत जैसे दालें और नट्स शामिल हैं। सही खान-पान के माध्यम से आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं और थायराइड संबंधी समस्याओं से बचाव कर सकते हैं।

अपने डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट (Nutritionist) की सलाह लें ताकि वे आपकी व्यक्तिगत जरूरतों के अनुसार मार्गदर्शन प्रदान कर सकें। इस तरह की जानकारी रखने से हम समझदारी पूर्वक निर्णय ले सकते हैं जिससे हमारी जीवनशैली में सुधार होगा।

डॉक्टर से निःशुल्क परामर्श लेने के लिए: (Book Your Free Consultation in Hindi)

संपर्क करें: डॉ. रविन शर्मा, (एमबीबीएस, रेडियोलॉजी में एमडी)

  • उपलब्ध: 24*7*365
  • फ़ोन नंबर: +91 9212125996

Test Type थायरॉइड रोग की जाँच
Includes

थायरॉइड रोग के लिए रक्त परीक्षण (Blood Test for Thyroid Disease)

थायरॉइड रोग के लिए रेडियोलॉजिकल परीक्षण (Radiological Tests for Thyroid Disease)

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