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वर्टिगो के लक्षण, कारण, इलाज और बचाव

वर्टिगो के लक्षण, कारण, इलाज और बचाव

वर्टिगो बीमारी नहीं एक अनुभव है जिसमे व्यक्ति को चक्कर आने या सर घूमने का एहसास होता...

वर्टिगो बीमारी नहीं एक अनुभव है जिसमे व्यक्ति को चक्कर आने या सर घूमने का एहसास होता है। वर्टिगो (Vertigo) एक ऐसी स्थिति है जिसमे रोगी को आस पास की सभी चीज़े घूमती नज़र आती है अगर मरीज़ एक जगह बैठा है तो भी उसे चक्कर आने जैसा महसूस होता है, बेहोशी सा महसूस होना, शरीर में असंतुलन की वजह से स्थिर रहना या खड़े होने में कठिनाई मेहसूस होती है। 

वर्टिगो के दौरे अचानक से होते है जो कुछ मिनट के या घंटो से लेकर कुछ दिन तक रह सकते है।

वर्टिगो पुरषो की तुलना में महिलाओ मे ज्यादा होता है साथ ही वर्टिगो वृद्ध लोगो में ज्यादा देखा जाता है। 

जिन लोगो में वर्टिगो के ये लक्षण होते वह सर्वोत्तम उपचार के लिए, डॉक्टर से जाँच करवाए और डाक्टर आपको कुछ परीक्षण की सलाह दे सकते हैं।

वर्टिगो किन कारणो से होता है?

वर्टिगो के मुख्य दो कारण है-

पेरिफेरल वर्टिगो (Peripheral vertigo)

  • यह  कान के असामान्य संतुलन के कारण होता है।
  • यह वर्टिगो का सबसे आम प्रकार माना गया है। कान का अंदरि हिस्से में वेस्टिबुलर तंत्रिका / नर्व ( vestibular nerve) में किसी भी तरह की समस्या आने से व्यक्ति को वर्टिगो का सामना करना पड़ सकता है 
  • वेस्टिबुलर तंत्रिका शरीर का संतुलन बनाए रखने में मदद करती है।
  • पेरीफेरल वर्टिगो कान में होने वैली निमिन्लिखित कारणो से हो सकता है-
  • बिनाइन परोक्सिमल पोसिशनल वर्टिगो /Benign Paroxysmal Positional Vertigo  
  • कान का इन्फेक्शन (ठण्ड या फ्लू )
  • कान की वेस्टिबुलर नस में दर्द या सूजन होना
  • मेनिरे'स बीमारी (Meniere's disease) जिसके कारण कान में घंटी की आवाज़ आती है या सुनाई देने की क्षमता खत्म हो जाती है।

सेंट्रल वर्टिगो (Central vertigo)

सेंट्रल वर्टिगो में मस्तिष्क या केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (central nervous system) में समस्या के कारण होता है जिसमें शामिल हैं- मस्तिष्क स्टेम संवहनी रोग(brain stem vascular disease)  , आर्टेरिओवेनोस मलफोर्मेशन (arteriovenous malformation), ध्वनिक न्यूरोमा ( acoustic neurome) और मस्तिष्क के ट्यूमर (brain tumor), मल्टीपल स्केलेरोसिस (multiple sclerosis) और वर्टेब्रोबैसिलर माइग्रेन (vertebrobasilar migraine).

 सेंट्रल वर्टिगो के पीछे निमिन्लिखित कारण हो सकते है-

वर्टिगो के क्या लक्षण होते है?

वर्टिगो की समस्या से शरीर का संतुलन बिगड़ने लगता है , जिसके कारण चक्कर आने लगते है. इसके कुछ अन्य लक्षण ये भी है -

डॉक्टर वर्टिगो का  कैसे पता लगा सकते है?

सबसे पहले डॉक्टर वर्टिगो से जुड़े लक्षणों की पहचान करने के लिए  डॉक्टर शारीरिक परीक्षण करता है। 

डॉक्टर चक्कर को परिधीय या केंद्रीय के रूप में पहचान सकते हैं लेकिन कभी-कभी चक्कर का कारण पहचाना नहीं जा सकता है, इसके लिए डॉक्टर आपको आगे की जांच की सलाह दे सकते हैं।

पेरिफेरल वर्टिगो की जांच और पहचान करने के लिए इनके  कारणों का पता लगाने के लिए विभिन्न  परीक्षणों की सलाह दी जा सकती है, जैसे- परिधीय वेस्टिबुलर विकार, संवेदी श्रवण हानि और कई अन्य। वर्टिगो के लिए अन्य परीक्षणों में श्रवण परीक्षण, डिक्स-हॉलपाइक परीक्षण, सीटी स्कैन, एचआरसीटी आंतरिक कान और कान की एमआरआई स्क्रीनिंग शामिल हैं।

CT inner ear, HRCT inner ear and MRI screening of ear.

गणेश डायग्नोस्टिक सेंटर में ये सुविधाए उपक्लब्ध है जिससे की वर्टिगो क कारण पता लगाया जा सकता है जिससे इलाज करने में सहायता मिलती है

  • Blood tests / खून की जाँच
  • Walking (gait testing)/ चलना (चाल परीक्षण)
  • Brainstem auditory evoked potential studies/ ब्रेनस्टेम ऑडिटरी एवोकेड पोटेंशियल स्टडीज
  • Caloric stimulation/ कैलोरिक स्टिमुलेशन
  • EEG (electroencephalogram)
  • X ray skull/ head/ सर  का एक्स -रे
  • Head CT/ सर का सी -टी स्कैन
  • Lumbar puncture/ लम्बर पंक्चर
  • MRI scan of head/ सर का ऍम आर आई 
  • MRA of blood vessels of the brain/ सर की नसों का  ऍम आर आई 
  • Vertigo protocol/ ऍम आर आई वर्टिगो प्रोटोकॉल

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