कैंसर का पता लगाना कैंसर के प्रकार, लक्षणों और व्यक्तिगत जोखिम कारकों पर निर्भर करता...
अवलोकन
कैंसर का पता लगाना कैंसर के प्रकार, लक्षणों और व्यक्तिगत जोखिम कारकों पर निर्भर करता है। डॉक्टर अक्सर कैंसर का जल्दी पता लगाने, निदान की पुष्टि करने और यह पता लगाने के लिए कि यह कितना फैल गया है, कई टेस्ट का इस्तेमाल करते हैं। जल्दी पता लगने से इलाज के नतीजे और जीवित रहने की दर बेहतर होती है। नीचे कैंसर का पता लगाने के लिए आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले टेस्ट की एक सूची दी गई है, जिन्हें आसान शब्दों में समझाया गया है।
1. ब्लड टेस्ट (Blood Tests) (Book Now)
ब्लड टेस्ट असामान्य पदार्थों का पता लगाने में मदद करते हैं जो कैंसर का संकेत दे सकते हैं। PSA, CA 125, CEA और AFP जैसे ट्यूमर मार्कर कुछ कैंसर में बढ़ सकते हैं। ब्लड टेस्ट एनीमिया, संक्रमण या अंग के कामकाज में बदलाव की भी जांच करते हैं जो कैंसर का संकेत दे सकते हैं। हालांकि अकेले ब्लड टेस्ट कैंसर की पुष्टि नहीं कर सकते हैं, लेकिन वे आगे के टेस्ट के लिए मार्गदर्शन करते हैं।
2. इमेजिंग टेस्ट (Imaging Tests) (Book Now)
इमेजिंग टेस्ट डॉक्टरों को शरीर के अंदर देखने और असामान्य वृद्धि का पता लगाने में मदद करते हैं।
X-रे हड्डियों और फेफड़ों में ट्यूमर की पहचान करने में मदद करता है।
अल्ट्रासाउंड ध्वनि तरंगों का उपयोग करके लिवर, थायराइड और स्तन जैसे अंगों में गांठ का पता लगाता है।
CT स्कैन विस्तृत क्रॉस-सेक्शनल छवियां प्रदान करता है और ट्यूमर का पता लगाने और उनके आकार की जांच करने में मदद करता है।
MRI स्कैन नरम ऊतकों की स्पष्ट छवियां प्रदान करता है और मस्तिष्क, रीढ़ और श्रोणि कैंसर के लिए उपयोगी है।
PET CT स्कैन असामान्य चयापचय गतिविधि को दिखाकर कैंसर गतिविधि का पता लगाता है और स्टेजिंग और उपचार प्रतिक्रिया की निगरानी में मदद करता है।
3. बायोप्सी (Biopsy) (Book Now)
बायोप्सी कैंसर के लिए सबसे निश्चित टेस्ट है। इसमें संदिग्ध क्षेत्र से ऊतक का एक छोटा सा नमूना निकालकर माइक्रोस्कोप के नीचे उसकी जांच करना शामिल है। बायोप्सी इस बात की पुष्टि करती है कि ट्यूमर कैंसर वाला है या नहीं और कैंसर के प्रकार और ग्रेड का निर्धारण करती है। यह सुई, एंडोस्कोपी या सर्जरी का उपयोग करके किया जा सकता है।
4. एंडोस्कोपी (Endoscopy) (Book Now)
एंडोस्कोपी आंतरिक अंगों को देखने के लिए कैमरे वाली एक पतली ट्यूब का उपयोग करती है। इसका उपयोग आमतौर पर पेट, कोलन, अन्नप्रणाली और फेफड़ों के कैंसर का पता लगाने के लिए किया जाता है। प्रक्रिया के दौरान, बायोप्सी के लिए ऊतक के नमूने लिए जा सकते हैं। यह शुरुआती कैंसर और कैंसर से पहले के बदलावों का पता लगाने में मदद करता है।
5. पैप स्मीयर और एचपीवी टेस्ट (Pap Smear and HPV Test) (Book Now)
पैप स्मीयर गर्भाशय ग्रीवा में असामान्य कोशिकाओं का पता लगाता है, इससे पहले कि वे कैंसर में बदल जाएं। एचपीवी परीक्षण अधिकांश गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के लिए जिम्मेदार वायरस की पहचान करता है। नियमित स्क्रीनिंग शुरुआती बदलावों का पता लगाकर गर्भाशय ग्रीवा कैंसर को रोकने में मदद करती है।
निष्कर्ष
कैंसर का पता लगाने में संदिग्ध प्रकार और चरण के आधार पर कई टेस्ट शामिल होते हैं। इमेजिंग टेस्ट, ब्लड टेस्ट और बायोप्सी एक सटीक निदान प्रदान करने के लिए मिलकर काम करते हैं। नियमित स्क्रीनिंग और लक्षणों का जल्दी पता लगाना नतीजों को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
कौन सा टेस्ट कैंसर की पुष्टि करता है?
बायोप्सी ही एकमात्र ऐसा टेस्ट है जो निश्चित रूप से कैंसर की पुष्टि करता है।
क्या सिर्फ़ ब्लड टेस्ट से कैंसर का पता चल सकता है?
नहीं। ब्लड टेस्ट से असामान्यताओं का पता चलता है, लेकिन आगे की जांच के बिना कैंसर की पुष्टि नहीं हो सकती।
क्या PET CT स्कैन सभी तरह के कैंसर के लिए इस्तेमाल होता है?
PET CT का इस्तेमाल आमतौर पर कई तरह के कैंसर की स्टेजिंग और मॉनिटरिंग के लिए किया जाता है, लेकिन सभी तरह के कैंसर के लिए इसकी ज़रूरत नहीं होती।

