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सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या करें, देखें इसका इलाज

सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या करें, देखें इसका इलाज

सांस लेने में तकलीफ (जिसे डिस्पोनिया भी कहते हैं), या सीने में जकड़न या ठीक से साँस न ले...

साँस लेने में तकलीफ या डिस्पोनिया किसी भी उम्र या लिंग में हो सकता है। डिस्पोनिया में हांफना, ठीक से हवा न मिलना , सांस लेने में तकलीफ या काम करने में तकलीफ महसूस होना या छाती में जकड़न महसूस हो सकती है। 

सांस लेने में तकलीफ कई कारणों से हो सकती है जैसे की जॉगिंग करना, तेज़ी से चलना , लम्बे समय तक चलना। कभी कभी सांस लेने में तकलीफ व्यायाम करने से भी हो सकती है और पहले  से मौजूद किसी बीमारी के कारण भी हो सकती है जैसे की हृदय की बीमारी , फेफड़ों की बीमारी या अन्य किसी बीमारी के कारण भी हो सकती है। काफी लोगों को सांसलेने में तकलीफ सोते समय भी मह्सूस हो सकती है , यह किसी बीमारी के कारण भी हो सकता है जैसे की पैरॉक्सिस्मल नॉक्टर्नल डिस्पेनिया (पीएनडी)।

साँस लेने में तकलीफ के लक्षण 

डिस्पोनिया के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं 

  • साँस रुकना (stopped breathing)
  • हवा की भूख लगना (craving for air)
  • सीने में जकड़न होना (tightness in chest)
  • लम्बी गहरी साँस न ले पाना (not able to take deep breath)
  • घुटन होना और ऐसा लग्न जैसे की आप सांस नहीं ले पारहे हों (suffocation)
  • साँस फूलना, ज़्यादातर यह परिश्रम वाले काम करने पर महसूस होता है जैसे की जॉगिंग करना 
  • घबराहट होना (anxiety)
  • खासी होना (coughing)
  • सीने में घरघराहट होना 

सांस लेने में तकलीफ अचानक से हो सकती है या से चलती भी आ रही हो सकती है। अचाकर हुई सांस लेने में तकलीफ के कारण बुखार , खासी , जुखाम हो सकते हैं. पुरानी साँस लेने में तकलीफ के कारण कोरोनरी डिस्पोनिया हो सकता है जिसमें रोज़मर्रा के काम करने में कमज़ोरी महसूस हो सकती है और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। 

कभी कभी सांस लेने में तकलीफ बढ़ या कम हो सकती है। अगर आपको सीधे लेटने पर सांस लेने में तकलीफ होती है तो यह किसी दिल या फेफड़ों की बीमारी का संकेत हो सकता है जिसके लिए आपको डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।

सांस लेने में तकलीफ के कारण

सांस लेने में तकलीफ होने की अन्य कारण हो सकते हैं जैसे की-

  • अशांति 
  • चिंता (stress)
  • अस्थमा (asthma)
  • फेफड़ों में खून का थक्का जमने से (blood clots in lungs)
  • पल्मोनरी एम्बोलिस्म बीमारी से (pulmonary embolism)
  • घुटन होने से (suffocation)
  • दौरे आने से (seizure)
  • फेफड़े कलेपस होने से (lungs collapse)
  • पसलियां टूटने से (fractured ligaments)
  • हृदय के आस पास ज़्यादा तरल पदार्थ होना 
  • हृदय की ताल में समस्याएं (arrhythmias)
  • एनीमिया (pneumonia)
  • प्रेगनेंसी में (pregnancy)
  • एक एलर्जिक रिएक्शन में जैसे की अनफिलैक्सिस शॉक (anaphylactic shock) जो की जानलेवा भी हो सकता है 
  • खून की कमी अचानक होना  (anemia)

लम्बे समय से चलती आ रही सांस लेने में तकलीफ के कारण 

  • तरल पदार्थ फेफड़ों या दिल के आस पास ज़्यादा होना 
  • इम्फीसेमा  (emphysema)
  • COPD क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज 
  • अस्थमा या दमा (asthma)
  • किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधि करने में थकान होना 
  • शरीर में सूजन कोशिकाओं (इंफ्लेमेटरी सेल्स - inflammatory cells) की वृद्धि या संग्रह सारकॉइडोसिस
  • कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (congestive heart failure) या अन्य दिल की बीमारियां 
  • हृदय के आस पास के सेल्स या टिशू में सूजन 
  • वजन बहुत बढ़ने से (obesity)
  • हृदय की मासपेशियां कठोर, मति या सूजी होने से जिसे कार्डियोमायोपैथी (cardiomyopathy)कहा जाता है 
  • घाव होना जैसे की फेफड़ों में 
  • फेफड़ों का कैंसर (lung cancer)

कैसे बताएं साँस लेने में तकलीफ चिंता लेने के कारण है?

अक्सर सांस लेने में तकलीफ तनाव, चिंता, घबराहट या एंग्जायटी अटैक (anxiety attack) (चिंता का दौरा) के कारण हो सकती है। अगर आप इन स्तिथियों में सांस लेने में तकलीफ महसूस करते हैं तो हो सकता है चिंता के कारण आपको सांस लेने में तकलीफ होती है। आपको तेज सांस लेने में , छोटी उथली सांस लेने में , या हाइपरवेंटीलाशन (hyperventilation) की समस्या भी चिंता संबंधी सांस की तकलीफ के साथ हो सकता है। इन स्तिथियों में आपको सांस न पकड़ पाने या सांस लेने में तकलीफ होने की भावना हो सकती है। अगर आपको चिंता सम्बन्धी सांस लेने में तकलीफ है तो आपको शारीरिक गतिविधियां करने से भी सांस फूल सक्ति है जैसे की व्यायाम करने पर या जॉगिंग करने पर. इन स्तिथियों में आप विश्राम तकनीक (अस्थायी रूप से काम न करना) का प्रयोग कर सकते हैं। 

सांस लेने में तकलीफ का निदान 

सांस लेने में तकलीफ होने के कई कारण हो सकते हैं जिनका निदान एक डॉक्टर अलग अलग परीक्षणों से कर सकता है। डॉक्टर पहले आपके लक्षणों की जानकारी आपसे लेते हैं, और शुरुवाती परीक्षण स्टेथोस्कोप (stethoscope) को आपके सीने पर रख कर फेफड़ों की ध्वनि सुनकर करते हैं। स्टेथोस्कोप से रक्तचाप भी मापा जा सकता है। शुरुवाती परीक्षणों के बाद कुछ आधुनिक परीक्षण किये जा सकते हैं जैसे की 

  • एक्स रे (x-ray)- इसमें भी छाती का एक्स रे 
  • रक्त का परिक्षण (Blood Test) - यह ज़्यादातर एनीमिया (anemia)को जांचने के लिए किया जाता है 
  • कंप्यूटर टोमोग्राफी स्कैन (CT Scan) - इसकी मदद से शरीर के अंदर के अंग और उनसे जुडी बीमारयों का पता लगाया जा सकता है 
  • स्पिरोमेट्री (spirometry) - इस परीक्षण से फेफड़ों का कार्य परीक्षण किया जा सकता है 
  • टी एम् टी टेस्ट (TMT Test) - कार्डियोपल्मोनरी व्यायाम परीक्षण जो रोगी को ट्रेडमिल पर चलकर किया जा सकता है।
  • पल्स ओक्सिमेट्री (Pulse Oximetry)- आपके रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा मापने के लिए डॉक्टर इस टेस्ट का प्रयोग करते हैं। 
  • इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiogram) - यह टेस्ट आपके दिल के विद्युत संकेतों को मापता है। इससे आपको दिल के दौरे की स्तिथि पता लग सकती है , और दिल धड़कने की गति भी। 
  • लैरिंगोस्कोपी (Laryngoscopy)- इस परीक्षण में डॉक्टर एक छोटे औजार की सहायता से आपके या बच्चों के गले में, वोकल कॉर्ड (vocal cord) में या अन्य फेफड़ों से सम्बन्धी नलियों की जाँच करते हैं। 
  • ब्रोंकोस्कोपी (Bronchoscopy) - इस परिक्षण से आपके फेफड़ों की जाँच की जाती है। इसमें इस्तेमाल होने वाले औजार को ब्रोन्कोस्कोप कहा जाता है। 
  • पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट (Pulmonary Function Test)- इस टेस्ट में दो तरह के टेस्ट शामिल हैं , स्पिरोमेट्री (spirometry)और मैथोकोलिन टेस्ट (methacholine test)। 
  • बायोप्सी (Biopsy) - सांस लेने में तकलीफ में बायोप्सी टेस्ट भी किया जाता है। 

सांस लेने में तकलीफ का इलाज क्या है?

डॉक्टर सांस लेने में तकलीफ का कारण जांचते हैं , इन जाँच के परिणाम पर ही इलाज निर्भर करता है। कुछ इलाज के तरीके निचे लिखे हैं

  • जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle Changes) - जीनवशैली में बदलाव में खान पान , सोना जागना , योग व्यायाम करना शामिल हैं। आपको ज़्यादा बाहर के खाने पीने से परहेज करना चाहिए और एक हेल्दी रूटीन (healthy routine) को अपनाना चाहिए। 
  • दवाएं - दवाएं आपको मुँह के माध्यम से या नसों के माध्यम से दी जा सकती हैं (इंट्रावेनस), दवाओं को नेब्युलाइज़र (nebuliser) के द्वारा भाप के रूप में भी दिया जा सकता है। दवाओं से भी सांस लेने में तकलीफ को ठीक किया जा सकता है। 
  • ऑक्सीजन थेरेपी (Oxygen Therapy)- यह थेरेपी आपको तब दी जाती है जब आपके शीरे में ब्लड ऑक्सीजन का लेवल कम हो जाता है। इस थेरेपी में आपको ज़्यादा ऑक्सीजन दी जाती है जिससे आपको सांस लेने में आराम और सहायता मिलती है। 
  • एक्सरसाइज - योग और एक्सरसाइज आपको फिट रहने में सहायता करती है जिसके कारण आपके शरीर के अंग जैसे की फेफड़े और दिल बेहतर होते हैं। 

निष्कर्ष

बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है। इनका इलाज और समय से जाँच करवा लेना बहुत महत्वपूर्ण है। समय से इलाज करवाएं और जाँच केंद्र पर जाँच करवाए। गणेश डाइग्नोस्टिक एंड इमेजिंग सेंटर बहुत सटीक डायग्नोसिस देने की कोशिश करते है। ताकि आपके इलाज में बेहतरीन प्लान बन सके और आप किसी भी बीमारी से निजाद पा सके। हमारे यहां सी टी स्कैन में और अन्य कुछ टेस्ट में लगभग 50 % ऑफ भी मिलता है।

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  • कंसल्टेशन डॉक्टर- डॉ. रवीन शर्मा ( MBBS , MD Radiologist )
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

सांस की तकलीफ के कारण क्या हैं?

सांस की तकलीफ के बहुत सारे कारण हो सकते हैं जैसे की  व्यायाम करना , बहुत तेज दौड़ना या जॉगिंग करना , सीढ़ियाँ चढ़ना आदि के। 

क्या सांस की तकलीफ खुद ब खुद ठीक हो सकती है?

सांस की तकलीफ अस्थायी हो सकती है जो की  कुछ मिनटों में खुद ब खुद ठीक हो जाती  है। यदि किसी बीमारी  के कारण साँस लेने में तकलीफ है जैसे की अस्थमा , यह उचित देखभाल की आवश्यकता हो सकती है। सांस की तकलीफ के अन्य कारण सही उपचार से ठीक हो सकते हैं।

क्या चिंता या तनाव के कारण सांस लेने में तकलीफ हो सकती है?

चिंता और तनाव के कारण एंग्जायटी अटैक या चिंता के दौरे पड़ सकते हैं जिसके कारण भारी और तेज़ साँस और सांस लेने में तकलीफ महसूस हो सकती है। अगर अपको तनाव या चिंता के कारण साँस लेने में तकलीफ होती है तो आपको तनाव कम लेना चाहिए  और उचित इलाज डॉक्टर से पूछना चाहिए।  

क्या दिल का दौरा पड़ने का संकेत सांस लेने में तकलीफ हो सकता है?

अचानक सांस लेने में तकलीफ दिल का दौरा पड़ने का संकेत दे सकती है। इसके कुछ अन्य लक्षण सीने में दर्द, बाएं हाथ में दर्द जैसे अन्य लक्षण हो सकते हैं। 

मुझे सांस की तकलीफ के बारे में कब चिंतित होना चाहिए?    

सांस की तकलीफ अगर  अन्य गंभीर लक्षणों के साथ अचानक  होती  है, तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। आम तोर पर इसके बारे में चिंता करने की कोई बात नहीं है।  

सांस की तकलीफ कौन सी बीमारी का संकेत है?

  • दमा (asthma) अस्थमा के कारण सांस लेने में मुश्किल हो सकती है। 
  • हार्ट अटैक (heart attack) के कारण - यह तब होता है जब रक्त चाप ठीक से बह नहीं पाता है।
  • फेफड़ों की बीमारी (diseases of lungs)
  • मोटापा (obesity)
  • चिंता (stress)
  • इम्फीसेमा (emphysema)
  • सी ओ  पि डी  (COPD)

सांस की तकलीफ के लिए कौन सा टेस्ट होता है?

पीक फ़्लो मीटर से  फेफड़ों से कितनी तेजी से सांस बाहर छोड़ सकते हैं मापा जाता है। इसमें इस्तेमाल होने वाली डिवाइस को आप हाथ में पकड़ सकते हैं। यदि आपको अस्थमा है, तो डॉक्टर आपको घर पर उपयोग करने के लिए एक पीक फ़्लो मीटर दे सकता है, ताकि आप अपने फेफड़ों की  खुद से सामान्य जांच कर सकें।