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चक्कर आने की जांच - कारण, लक्षण , निदान, उपचार और इलाज

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चक्कर आने की जांच

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चक्कर आना एक आम स्वास्थ्य समस्या है, जो कई लोगों को कभी-कभी या अक्सर परेशान कर सकती है। यह अचानक होने वाला अनुभव होता है, जिसमें व्यक्ति को ऐसा लगता है कि सब कुछ घूम रहा है या वह खुद घूम रहा है। जब आप इस स्थिति का सामना करते हैं, तो आपको समझ में नहीं आता कि क्या करें। चक्कर आने के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे तनाव, थकान या फिर कोई गंभीर चिकित्सा स्थिति।

चक्कर आना क्या है? (What is Dizziness in Hindi?)

चक्कर आना(Dizziness) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति को हल्का सा चक्कर आता है या उसके चारों ओर की चीजें घूमती हुई महसूस होती हैं। यह अनुभव अचानक होता है और सामान्यतः कुछ ही सेकंड से लेकर मिनटों तक रहता है।

यह एक संवेदनशील संकेत हो सकता है, जो हमारे शरीर के संतुलन प्रणाली में असंतुलन का परिणाम होता है। यह मुख्य रूप से मस्तिष्क, कान और आंखों से संबंधित अंगों के बीच संवेदी जानकारी के गलत होने पर उत्पन्न होता है।

कई बार चक्कर आने का अनुभव बेहद भयावह हो सकता है। इससे व्यक्ति को चलने-फिरने में कठिनाई होती है और कभी-कभी गिरने का भी डर सताता है। इसके साथ-साथ कई लोग इसे एक मानसिक समस्या समझते हैं, जबकि वास्तव में यह शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ मामला हो सकता है।

इसका प्रभाव किसी भी उम्र के लोगों पर पड़ सकता है। खासकर जब हम थके हुए होते हैं या तनाव में होते हैं तो इसकी संभावना बढ़ जाती है। इसलिए जरूरी होता है कि इस लक्षण को नजरअंदाज न किया जाए और उचित देखभाल की जाए।

चक्कर आने के सामान्य कारण (Common Causes of Dizziness in Hindi)

चक्कर आना एक आम समस्या है, जिसका सामना कई लोग करते हैं। इसके पीछे कई सामान्य कारण हो सकते हैं।

  • रक्तचाप (Blood Pressure) में अचानक परिवर्तन चक्कर आने की मुख्य वजह बन सकता है। 
  • जब तेज़ी से उठते हैं या लंबे समय तक खड़े रहते हैं, तो चक्कर आने स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
  • शरीर में पानी की कमी (Dehydration) से ऊर्जा का स्तर गिरता है जो चक्कर आने का कारण बन सकता है 
  • आयरन(Iron) या विटामिन B12 (Vitamin B12) की कमी भी चक्कर आने को बढ़ा सकती है।
  • तनाव (Stress) और चिंता (Anxiety) भी चक्कर आने का कारण हो सकती है।
  • जब अशांत मन भी चक्कर आने का कारण बन सकता है
  • कान संबंधित समस्याएं जैसे मेनीयर रोग का होना भी चक्कर आने का कारण बन सकता है

चक्कर आने के लक्षण (What Are the Symptoms of Dizziness in Hindi)

चक्कर आने के लक्षण कई प्रकार के हो सकते हैं। 

  • अचानक हल्का या भारीपन महसूस होना (Sudden lightheadedness or heaviness)
  • संतुलन में कमी जिसमे व्यक्ति को ऐसा लगता है की वह गिर रहा है या चारों ओर घूम रहा है। (Loss of balance where the person feels like they are falling or spinning around)
  • सिर में धुंधलापन महसूस होना (Feeling of fogginess in the head)
  •  मतली या उल्टी का अनुभव होना (Nausea or vomiting)
  • कानों में बजना और सुनाई देने में कठिनाई होना (Ringing in the ears and difficulty hearing)

यदि आपको नियमित रूप से ऐसे लक्षण महसूस होते हैं, तो चिकित्सक से संपर्क करने की सलाह दी जाती है। इससे आपकी स्थिति स्पष्ट होगी और उचित उपचार मिल सकेगा।

चक्कर आने का निदान कैसे किया जाता है? (How is Dizziness Diagnosed in Hindi?)

चक्कर आने का निदान(Diagnosis) एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसमें डॉक्टर रोगी की स्थिति को समझने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग करते हैं। सबसे पहले, डॉक्टर मरीज से उसके लक्षणों के बारे में विस्तृत जानकारी लेते हैं। यह जानना जरूरी होता है कि चक्कर कब और कैसे आते हैं।

इसके बाद, शारीरिक परीक्षण(Physical Examination) किया जाता है। इसमें बैलेंस टेस्ट और आँखों की जांच शामिल हो सकती है। ये परीक्षण यह निर्धारित करने में मदद करते हैं कि समस्या आंतरिक कान, मस्तिष्क या अन्य किसी शारीरिक प्रणाली से संबंधित है या नहीं।

चक्कर आने का निदान करने के लिए रक्त टेस्ट (Blood Test to Diagnose Dizziness)

चक्कर आने का निदान करने के लिए रेडियोलॉजी परीक्षण (Radiology Tests to Diagnose Dizziness)

चक्कर आने का उपचार (Treatment of Dizziness in Hindi)

चक्कर आना एक सामान्य समस्या है, लेकिन इसके उपचार के तरीके भी विभिन्न हैं। सबसे पहले, यह जानना जरूरी है कि चक्कर आने का कारण क्या है। यदि इसका कारण किसी बीमारी या विकार से जुड़ा हो, तो उसके लिए विशिष्ट चिकित्सा की आवश्यकता पड़ सकती है।

  • हल्के चक्कर आने पर आराम करे और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना आपको चक्कर आने से राहत दिलाता है
  • गहरी सांस लेने की तकनीक अपनाये वो भी आपको चक्कर आने से राहत दिलाता है
  • यदि चक्कर आना तनाव या चिंता के कारण हो, तो ध्यान और योग जैसे मानसिक व्यायाम करे
  • चिकित्सीय जड़ी-बूटियाँ जैसे अदरक या पुदीने का सेवन करे
  • फिजिकल थेरपी द्वारा संतुलन बढ़ाने की तकनीकें सीखे जो आपके जीवन को बेहतर बना सकता है। इसमें साधारण व्यायाम शामिल होते हैं जो शरीर को अधिक स्थिरता प्रदान करते हैं।
  •  विटामिनों और मिनरल्स से युक्त उचित पोषणले क्योंकि कई बार इनकी कमी से भी चक्कर आते हैं।

क्या घर पर चक्कर आने का इलाज किया जा सकता है? (Can Dizziness Be Treated at Home in Hindi?)

चक्कर आने की समस्या से निपटने के लिए कई घरेलू उपाय उपलब्ध हैं। यदि चक्कर आना हल्का है, तो आप कुछ सरल तरीकों को अपनाकर राहत पा सकते हैं।

  • पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लें और हाइड्रेटेड रहें।
  • अदरक की चाय या सूखे अदरक का पाउडर आपके लिए सहायक हो सकता है।
  • चक्कर आने पर गहरी साँस ले और विश्राम करे 
  • तनाव और चिंता से बचे 
  • ध्यान और योग करे इससे करने से स्थिति में सुधार हो सकता है।
  • हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि अगर चक्कर आने की समस्या बार-बार होती रहती है तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। पेशेवर चिकित्सा सलाह लेना आवश्यक हो सकता है ताकि किसी गंभीर कारण का पता लगाया जा सके।

चक्कर आना और वर्टिगो में क्या अंतर है? (What is the Difference Between Dizziness and Vertigo in Hindi?)

चक्कर आना और वर्टिगो, दोनों ही स्थितियों में व्यक्ति को अस्वस्थ महसूस हो सकता है। हालांकि, ये दो अलग-अलग अनुभव हैं।

  • चक्कर आने पर व्यक्ति संतुलन खोता है। इसमें यह महसूस होता है कि चारों ओर की चीजें घूम रही हैं या खुद व्यक्ति घूम रहा है। चक्कर आने के कई कारण हो सकते हैं जैसे रक्तदाब का गिरना, डिहाइड्रेशन या तनाव।
  •  वर्टिगो(vertigo) एक विशेष प्रकार की चक्कर आने वाली अनुभूति होती है। इसे आमतौर पर कान के आंतरिक भाग से जुड़ी समस्याओं से संबंधित माना जाता है। वर्टिगो में व्यक्ति को ऐसा लगता है जैसे वह किसी ऊँचाई से गिर रहा हो या चारों ओर की वस्तुएं तेजी से घुम रही हों।

डॉक्टर से कब संपर्क करें (When to Contact a Doctor for Dizziness in Hindi)

  • चक्कर आना एक आम समस्या है, लेकिन कभी-कभी यह किसी गंभीर स्थिति का संकेत भी हो सकता है। यदि आपको बार-बार चक्कर आते हैं या यह अचानक शुरू होता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • बुखार, गर्दन में कठोरता(Stiffness in the neck) या सिरदर्द चक्कर आने के लक्षण हो सकते है कुछ गंभीर बीमारियों का संकेत कर सकते हैं।
  • असामान्य रूप से कमजोर महसूस करना या आपका संतुलन बिगड़ना भी चिंता का विषय हो सकता है। ऐसी स्थितियों में चिकित्सकीय मदद आवश्यक होती है।
  • अगर आपकी उम्र 65 वर्ष से अधिक है और आपको लगातार चक्कर आते रहते हैं, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। बुजुर्गों के लिए इसकी जटिलताएं बढ़ सकती हैं।

याद रखें कि सही समय पर चिकित्सा सहायता लेना हमेशा महत्वपूर्ण होता है। इससे न केवल आपकी समस्या का समाधान होगा बल्कि भविष्य में किसी बड़ी बीमारी को रोकने में भी मदद मिलेगी।

महिलाओं को चक्कर आने के कारण क्या है ?(What Are the Reasons for Dizziness in Women in Hindi?)

  • हार्मोनल परिवर्तन (Hormonal Changes)
  • मासिक धर्म (Periods) और गर्भावस्था (Pregnancy) के दौरान महिला का शरीर कई बदलावों से गुजरता है, जिससे चक्कर आना संभव होता है।
  • तनाव और चिंता भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह उनके संतुलन को प्रभावित कर सकता है।
  • अगर किसी महिला की नींद पूरी नहीं होती या वह थकावट महसूस करती है, तो उसे भी चक्कर आने की समस्या हो सकती है।
  • आयरन की कमी जैसे पोषण संबंधी समस्याएं एनीमिया (Anemia) जैसी स्थिति महिलाओं में अधिक आम होती है और इससे कमजोरी एवं चक्कर आना जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं।
  • अधिक मात्रा में कैफीन (Caffeine) या शराब का सेवन (Alcohol Consumption) करना भी इस समस्या को बढ़ा सकता है। 

सोते समय चक्कर क्यों आता है? (Why Do I Feel Dizzy While Sleeping in Hindi?)

  • शारीरिक थकान या तनाव सोते समय चक्कर आने के कारण हो सकता है। जब हमारा शरीर आराम कर रहा होता है, तो मस्तिष्क को रक्त प्रवाह(Blood circulation) में कमी महसूस होती है।
  • जब हम अचानक से उठते हैं या अपनी पोजिशन बदलते हैं,दिमाग को तुरंत आवश्यक ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते, जिससे चक्कर आना शुरू हो जाता है।
  • सोने से पहले भारी भोजन करना भी चक्कर आने के कारण हो सकता है।पेट भरा होने पर हमारी ऊर्जा अधिकतर पाचन क्रिया में लग जाती है, जिस कारण मस्तिष्क को पर्याप्त खून नहीं मिल पाता।

क्या सिर भारी होना चक्कर का एक लक्षण है? (Is Heaviness in Head a Symptom of Vertigo in Hindi?)

  • सिर भारी होना अक्सर चक्कर आने के साथ जुड़ा होता है। यह एक ऐसा अनुभव है जिसमें व्यक्ति को अपना सिर सामान्य से अधिक भारी या भरा हुआ महसूस होता है।
  • जब मस्तिष्क में रक्त प्रवाह(Blood circulation) सही तरीके से नहीं हो पाता, तब यह स्थिति उत्पन्न हो सकती है। 
  • तनाव और चिंता भी इस भावना को बढ़ा सकते हैं। जब हम मानसिक दबाव में होते हैं, तो सिर भारी होने की अनुभूति होती है।
  • माइग्रेन या उच्च रक्तचाप(High Blood Pressure) के चलते भी सिर भारी लगने लगता है। ऐसे समय में चक्कर आना आम बात बन जाती है।

यदि कोई व्यक्ति लंबे समय तक इस समस्या का सामना कर रहा हो, तो उसे डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। इससे न केवल समस्या की जड़ पता चलेगी बल्कि सही निदान और उपचार की प्रक्रिया भी शुरू होगी।

इसलिए यदि आप सिर भारी महसूस कर रहे हैं और चक्कर आ रहे हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें; यह एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है जो ध्यान देने योग्य होता है।

डिप्रेशन में चक्कर आने से कैसे बचे? (How to Prevent Dizziness in Depression in Hindi?)

डिप्रेशन एक गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्या है, जो न केवल हमारे भावनात्मक स्थिति को प्रभावित करती है बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डाल सकती है। डिप्रेशन में चक्कर आने का अनुभव कई लोगों के लिए सामान्य हो सकता है। जब कोई व्यक्ति डिप्रेशन से ग्रसित होता है, तो उसका तनाव स्तर बढ़ जाता है और यह शरीर की अन्य प्रतिक्रियाओं को प्रभावित कर सकता है।

डेप्रेशन में चक्कर आने से बचने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं। नियमित व्यायाम करें, क्योंकि यह मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। 

  • संतुलित आहार लें (Take Adequate Diet)
  • पर्याप्त नींद पूरी करें। (Take Proper Sleep)
  • नियमित रूप से व्यायाम और ध्यान करें(Do Exercise and Medidation regularly)
  • आपका डिप्रेशन लगातार बढ़ रहा है, तो किसी मनोचिकित्सक(psychiatrist) से संपर्क करे और सही मार्गदर्शन प्राप्त करे 

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Test Type चक्कर आने की जांच
Includes

चक्कर आने का निदान करने के लिए रक्त टेस्ट (Blood Test to Diagnose Dizziness)

चक्कर आने का निदान करने के लिए रेडियोलॉजी परीक्षण (Radiology Tests to Diagnose Dizziness)

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