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Sugar Level Kitna Hona Chahiye: कैसे कंट्रोल करे ? जानिए इसके निदान के तरीके।

Sugar Level Kitna Hona Chahiye: कैसे कंट्रोल करे ? जानिए इसके निदान के तरीके।

आपकी कुछ आदतें आपके ब्लड शुगर लेवल सही मात्रा में बनाये रखने में बाधा बन सकती हैं। आइए...

डायबिटीज आजकल एक आम समस्या है। डायबिटीज या मधुमेह लोगों के स्वास्थय को हानि पंहुचा सकती है। डायबिटीज हों एक मतलब है की आपकी ब्लड शुगर लेवल बढ़े हुए हैं। इसलिए डायबिटीज होने से बचने के लिए आपको अपने ब्लड शुगर की मात्रा को सामान्य स्तर में रखना बहुत जरूरी है। ब्लड शुगर की मात्रा न ही सिर्फ आपके खान-पान से बल्कि आपकी जीवनशैली से भी प्रभावित हो सकती है। प्री डायबिटीज या डायबिटीज का संकेत ब्लड शुगर लेवल का बढ़ना हो सकता है। इसलिए, यह जरूरी है की आपके शुगर लेवल सही मात्रा में रहे।

ब्लड शुगर लेवल कितना होना चाहिए – What Should Be the Blood Sugar Level in Hindi?

आमतौर पर ब्लड शुगर लेवल खाने से पहले और बाद दोनों स्थितियों में नापा जाता है। ब्लड शुगर के मात्रा/स्तर खाने के बाद और खाने के पहले अलग-अलग होती है। इसकी कोई सटीक नार्मल मात्रा नहीं होती। इसके ज्यादा होने से ही आप डायबिटीज से ग्रस्त होते हैं। ब्लड शुगर का लेवल उम्र के अनुसार हर व्यक्ति में अलग–अलग होता है,अगर इसको समय से नियंत्रित न किया जाए, यह डायबिटीज के रूप में प्रकट हो सकती है। यदि आपका यादृच्छिक ब्लड शुगर परीक्षण हुआ है, तो ज़्यादातर 125 mg/dl (6.9 mmol/L) या उससे कम आएगा। सामान्यतः रैंडम ब्लड शुगर (Random Blood Sugar) लेवल इस बात पर निर्भर करता है कि आपने आखिरी खाना कब खाया था।  

खाने के बाद और खाने से पहले ब्लड शुगर लेवल कितना होना चाहिए – What Should Be the Blood Sugar Level Before and After Eating in Hindi?

  • खाली पेट शुगर (Fasting Blood Sugar): खाली पेट ब्लड शुगर लेवल को चेक करने को फास्टिंग ब्लड शुगर कहा जाता है। स्वस्थ व्यक्ति में खाली पेट ब्लड शुगर का स्तर 70 से 100 mg/dl के बीच होना चाहिए।
  • खाने के बाद शुगर (Postprandial Blood Sugar): खाने के 2 घंटे बाद जांचे जाने वाले ब्लड शुगर लेवल को पोस्ट परेंडियल ब्लड शुगर के नाम से जाना जाता है। खाना खाने के बाद की शुगर की मात्रा सामान्यत: 140 mg/dl से कम होनी चाहिए।

प्री डायबिटीज और डायबिटीज में क्या अंतर है?- How Diabetes and Pre-Diabetes Are Different in Hindi?

यदि आपके शरीर में फास्टिंग ब्लड शुगर का स्तर 100 mg/dL से कम है और परेंडियल शुगर का स्तर 120 से 140 mg/dL के बीच होना चाहिए। जब आपका फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल 100-125 mg/dL के बीच और पोस्ट परेंडियल शुगर लेवल 140-160 mg/dL के बीच हो, तब इसे स्थिति को प्री डायबिटीज कहा जाता है। प्री डायबिटीज से ग्रस्त व्यक्ति यदि अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल न करें, तो डायबिटीज हो सकता सकता है। 

उम्र के अनुसार शुगर लेवल कितना होना चाहिए – What Should Be the Sugar Level According to Age?

ब्लड शुगर लेवल उम्र के साथ साथ बदलता है यह शुगर लेवल का बदलना कई कारणों का प्रभाव हो सकता है, इनमें से कुछ रोजमर्रा की गतिविधियाँ, आहार, व्यायाम, और अन्य आदतें हो सकती है। 

उम्र वर्ग निर्दिष्ट शुगर लेवल (मिलीग्राम/डेसीलीटर)

 Age Group Sugar Levels Chart(mg/dL)

  • 0-5 वर्ष   80-100
  • 6-12 वर्ष   90-110
  • 13-19 वर्ष   90-105
  • 20-59 वर्ष   80-110
  • 60+ वर्ष   90-120

यह शुगर लेवल व्यक्ति के स्वास्थ्य स्थिति जैसे अन्य कारकों पर निर्भर कर सकते हैं।

शुगर लेवल कैसे नियंत्रित करे – How to Control Blood Sugar Level in Hindi

How to Control Blood Sugar Level in Hindi

  • भोजन/खाना (Food) : आपके ब्लड शुगर के लेवल को नियत्रंण में रखने के लिए आपको अपने खाने में मिठा के मात्रा/शुगर, और ज़्यादा तेल वाले भोजन को कम मात्रा में खाना चाहिए। हाइड्रेटेड कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए, सब्जियां, साबुत अनाज, और ज़्यादा से ज़्यादा फलों को अपने खाने में शामिल करना चाहिए। 
  • नियमित व्यायाम (Regular Exercise): नियमित रूप से व्यायाम करने से आपकी ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। आप अपनी दिनचर्या में योग, साइकिलिंग, या किसी अन्य रुचिकर गतिविधि को शामिल कर सकते हैं।
  • वजन घटाना (Weight Loss): यदि आपका वजन ज़्यादा है तो उसे कम करने से आपकी ब्लड शुगर लेवल को आप नियंत्रित कर सकते है। चिकित्सक यह सलाह देते हैं की आप सही और स्वस्थ रहने के लिए वजन घटाने की योजना बता सकते हैं। 
  • दवाएं (Medicine): चिकित्सक द्वारा निर्धारित दवाओं को सही तरीके से खाना चाहिए ताकि आपकी ब्लड शुगर लेवल सही मात्रा में बने रहे। आपके चिकित्सक से बातचीत करने के बाद आपको इसकी सही मात्रा और समय निर्धारित करना चाहिए। 
  • नियमित जाँच (Regular Checkup): आपको अपनी जाँच नियमित रूप से करवानी चाहिए। आपके डॉक्टर के सुझावों के अनुसार आपको अपने शुगर लेवल की जाँच समय समय पर या विशेषतः रोज़ाना करवानी चाहिए। 
  • स्ट्रेस न लें (Do Not Stress): ज़्यादा स्ट्रेस लेने से भी आपके ब्लड शुगर लेवल अनियमित हो सकते हैं। आपको स्ट्र्रेस से बचने के लिए ध्यान और योग अभ्यास करना चाहिए ।

मधुमेह (शुगर ) का निदान क्या है – Diagnosis of Blood Sugar

शुगर के निदान के लिए आपके डॉक्टर कुछ टेस्ट के सुझाव देंगे जैसे की – 

  • ब्लड ग्लूकोज टेस्ट (Blood Glucose Test) (Book Now) जिससे आपके रक्त में ग्लूकोज/शुगर के स्तर देखे जाते हैं ।
  • फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज टेस्ट (Fasting Blood Glucose Test) (Book Now) जिससे एक व्यक्ति को रात्रि के भोजन करने के बाद खाना न खाने की सलाह दी जाती है और सुबह उसका टेस्ट किया जाता है जिसमे उसका ब्लड शुगर लेवल नापा जाता है।
  • पोस्टप्रैंडियल ब्लड ग्लूकोज टेस्ट (Postprandial Blood Glucose Test) (Book Now) इसमें एक व्यक्ति का ब्लड शुगर लेवल भोजन करने के कुछ समय बाद मापा जाता है।
  • आदान-प्रदान ब्लड ग्लूकोज टेस्ट (Glycated Hemoglobin Test) (Book Now) में आपके रक्त में ग्लूकोज के स्तर की मात्रा दिखाई जा सकती है।
  • एचबीए1सी टेस्ट (HbA1c Test) (Book Now) में व्यक्ति के रक्त में ग्लूकोज की मात्रा कितनी समय तक बनी रहती है, जाता है।

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए – When Should You See a Doctor

When Should You See a Doctor

यदि आपमें निचे दी गयी स्थितियाँ हैं, तो आपको डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए – 

  • डायबीटीज के संकेत (Diabetes Symptoms): यदि आपको बार-बार पेशाब आता है, बहुत ज्यादा प्यास लगती है, बहुत अधिक थकान होती है, बिना किसी कारण के वजन कम हो रहा है इत्यादि तो ये सब डायबिटीज होने के संकेत हो सकते है, इन स्थितियों में आपको अपना ब्लड सुगर जाँच करवाना चाहिए और डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
  • आपके परिवार में किसी को डायबीटीज है (Family History): यदि आपको इस बात का पता है की आपके परिवार में किसी व्यक्ति को डायबीटीज है, तो आपको डायबिटीज होने की ज़्यादा सम्भावना है, इन स्थितियों में आपको समय समय पर अपना ब्लड सुगर जाँच करवाना चाहिए।
  • बढ़ती उम्र (Aging): आयु बढ़ने साथ साथ आपके डायबीटीज के खतरे में भी वृद्धि होती जाती है, इसलिए बढ़ती उम्र के साथ-साथ आपको नियमित रूप से समय समय पर अपना ब्लड सुगर जाँच करवाना चाहिए।
  • कुछ स्वास्थ्य समस्याएं (Health Conditions): यदि आपको किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या मौजूद है तो आपको डायबिटीज होने का खतरा ज़्यादा है, इन स्थितियों में आपको ब्लड सुगर समय समय पर जाँच करवाना चाहिए और डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

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कैसे करें शुगर लेवल को कंट्रोल से जुड़े हुए अक्सर पूछे जाने वाले

नार्मल ब्लड शुगर लेवल कितना होना चाहिए ?

खाली पेट नार्मल ब्लड शुगर: 70-100 

पोस्ट परेंडियल ब्लड शुगर जो खाना खाने के 2 घंटे बाद का शुगर होता है उसका लेवल कम से कम 140 mg/dl होना चाहिए 

35 साल की उम्र में शुगर लेवल कितना होना चाहिए?

शुगर लेवल बहुत सारे कारकों पर निर्भर करता है, लेकिन सामान्यत: खली पेट का शुगर 70-100 mg/dl और खाना खाने के बाद का शुगर लेवल 140 mg/dl होना चाहिए।

शुगर बढ़ने पर क्या महसूस होता है?

शुगर बढ़ने के कारण आपको प्यास, थकान, त्वचा में सूखापन, बार-बार पेशाब आना, भूख न लगना, और वजन कम होना जैसे लक्षण महसूस हो सकते है।

शुगर को जड़ से खत्म करने के लिए क्या खाना चाहिए?

शुगर को नियंत्रण में रखने के लिए आपको सही आहार लेना चाहिए , नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए, और अपने डॉक्टर से सलाह आवश्यक रूप से लेनी चाहिए। सब्जियां खाने से, काढ़ा पीने से, और अधिक मात्रा में दालें, फल, और अनाज शामिल करने से आप अपना शुगर लेवल सही मात्रा में रख सकते हैं। 

शुगर की बीमारी क्यों होती है?

डायबीटीज होने के कई कारणों हो सकते है, जीने से कुछ विरोधक तंतुओं की कमी, अनुवांधिक जीवनशैली, आबादी में वृद्धि, और जेनेटिक उच्च वजन हैं ।

डायबिटीज से कौन सा अंग खराब होता है?

डायबीटीज के कारण आपके शरीर के बहुत से हिस्सों पर प्रभाव पड़ सकता है, जैसे कि आंत, हृदय, आंत्र, किडनी, आंख, और नसों को नुकसान हो सकता है।

किसकी कमी से शुगर होता है?

इंसुलिन की कमी डायबीटीज होने का मुख्य वजह हो सकता है।

60 साल की उम्र में शुगर कितना होना चाहिए?

शुगर लेवल बहुत सारे कारकों पर निर्भर करता है, लेकिन सामान्यत: 60 साल की उम्र में शुगर लेवल 90-120 mg/dl होना चाहिए।