
इस लेख में हम आपको बताएंगे कि गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ शिशु को जन्म देने और...
गर्भावस्था की खबर पति-पत्नी के लिए ही नहीं बल्कि पूरे परिवार के लिए खुशी का पल होता है। गर्भावस्था की खबर से परिवार की खुशियां दोगुनी हो जाती हैं। गर्भावस्था के बाद कोई भी महिला वह सब कुछ करती है जिससे उसका शिशु स्वस्थ और तंदुरुस्त पैदा हो। गर्भावस्था के बाद हर महिला की जिंदगी पूरी तरह बदल जाती है। उसकी जिंदगी पहले से ज्यादा खूबसूरत हो जाती है।
गर्भावस्था के दौरान आपको कुछ बातों का ध्यान रखने की जरूरत होती है क्योंकि आपकी एक छोटी सी लापरवाही आपके और आपके शिशु के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। आपको अपने खान-पान पर ध्यान देना चाहिए और दिन भर में आप क्या खा-पी रही हैं, इस पर भी ध्यान देना चाहिए। आप जो भी खाती-पीती हैं, क्या वह आपके और आपके शिशु के लिए फायदेमंद है या नुकसानदायक? आप कितने बजे सोती हैं, कितने बजे उठती हैं? क्या आप सुबह व्यायाम करती हैं या नहीं?आप दिन में कितनी देर तक बैठते हैं,कितनी देर तक चलते हैं?
इन सब बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। खान-पान और जीवनशैली पर ध्यान देने के अलावा आपको समय-समय पर डॉक्टर से मिलना चाहिए, किसी भी तरह की परेशानी होने पर उनसे बात करनी चाहिए और अपनी प्रेग्नेंसी की जांच करवाते रहना चाहिए।
आज हम आपको 14 सबसे ज़रूरी बातों के बारे में बताएंगे, जिनका आपको ध्यान रखना चाहिए। आपको पता होना चाहिए कि क्या करना है और क्या नहीं। साथ ही, क्या खाना है और क्या नहीं।
- खूब पानी पिएं: दिन भर में कम से कम तीन से चार लीटर पानी और एक से दो गिलास जूस पिएं। ऐसा करने से शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ (Toxic materials) शरीर से बाहर निकल जाते हैं। आप चाहें तो हफ़्ते में एक बार नारियल पानी भी पी सकते हैं।
- ज़्यादा फाइबर वाला खाना खाएं: प्रेग्नेंसी के दौरान कब्ज की समस्या बढ़ जाती है, इसलिए पाचन तंत्र का अच्छा होना बहुत ज़रूरी है। कोशिश करें कि अपने खाने में ज़्यादा से ज़्यादा फाइबर लें। क्योंकि इससे गैस या कब्ज होने का खतरा नहीं होता।
- हरी पत्तेदार सब्जियाँ खाएँ: गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियाँ, जैसे पालक, गोभी और ब्रोकली शामिल करनी चाहिए। पालक में मौजूद आयरन गर्भावस्था के दौरान एनीमिया को रोकने में मदद करता है। इसके अलावा बीन्स खानी चाहिए। इनमें फाइबर, प्रोटीन, आयरन और कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है, जिसकी गर्भवती महिलाओं को ज़रूरत होती है।
- डेयरी उत्पाद खाएँ: सभी डेयरी उत्पाद गर्भवती महिला के लिए उतने ही ज़रूरी हैं, जितने कि एक सामान्य व्यक्ति के लिए। गर्भवती महिला के लिए दूध, छाछ, दही और घी ज़्यादा ज़रूरी हैं। गर्भावस्था के दौरान बच्चे के विकास के लिए प्रोटीन और कैल्शियम की ज़रूरत होती है। इसलिए महिलाओं को अपने आहार में सभी डेयरी उत्पाद शामिल करने चाहिए।
- फल और उनके जूस का सेवन करें: गर्भावस्था में ताज़े फल और उनके जूस भी बहुत फ़ायदेमंद होते हैं। सेब, तरबूज, संतरा, नाशपाती और उनके जूस का सेवन भी किया जा सकता है। लेकिन कुछ फल जैसे पपीतासे बचना चाहिए क्योंकि इनका बच्चे पर बहुत बुरा असर पड़ता है।
- सूखे मेवे खाएँ: गर्भावस्था के दौरान सूखे मेवे भी बहुत अच्छी डाइट देते हैं। आप अपने आहार में बादाम, अखरोट और काजू शामिल कर सकते हैं। इनमें कई तरह के विटामिन, कैलोरी, फाइबर और ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जिनकी जरूरत मां और बच्चे दोनों को होती है।
- अंडे खाएं: अंडे बहुत पौष्टिक होते हैं। अंडे प्रोटीन, बायोटिन, विटामिन डी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। इसलिए, यह गर्भवती महिलाओं के लिए भी बहुत फायदेमंद है।
- साबुत अनाज खाएं: आप अपने आहार में ओट्स, ब्राउन राइस और क्विनोआ जैसे साबुत अनाज भी शामिल कर सकते हैं। इनमें काफी मात्रा में कैलोरी होती है। यह बच्चे और मां दोनों के लिए फायदेमंद है। अगर आप मांसाहारी हैं, तो आप लीन मीट खा सकते हैं।
- अपनी मर्जी से दवा न लें: गर्भावस्था से जुड़ी केवल वही दवा लें, जितनी मात्रा में आपके डॉक्टर ने आपको बताई है। अपनी मर्जी से किसी भी तरह की दवा लेने से बचें। साथ ही, समय-समय पर अपनी प्रेग्नेंसी की जांच करवाते रहें।
- कैफीन से दूर रहें: अगर आपको कॉफी, चाय या चॉकलेट ज्यादा खाना पसंद है, तो गर्भावस्था के दौरान इन सब चीजों का अधिक सेवन करने का ख्याल मन से निकाल दें। अधिक कैफीन से गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान इन सभी चीजों का सेवन न करें। इसके लगातार सेवन से कई बार शिशु का वजन कम होने की समस्या भी देखने को मिलती है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान कैफीन के सेवन से बचना ही बेहतर है।
- शराब से दूर रहें: वैसे तो किसी भी तरह का नशा हर व्यक्ति के लिए नुकसानदायक होता है, लेकिन गर्भवती महिलाओं को शराब के साथ-साथ अन्य नशीले पदार्थों से भी दूर रहना चाहिए। नशा शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास को प्रभावित करता है। इससे शिशु का पूर्ण विकास नहीं हो पाता और कई बार गर्भपात भी हो जाता है।
- कच्चा मांस न खाएं: कच्चे मांस के सेवन से भी बचना चाहिए क्योंकि इसके सेवन से गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। कच्चे फलों और सब्जियों को भी नहीं खाना चाहिए।
निष्कर्ष
गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य का ख्याल रखना महत्वपूर्ण है और ऊपर बताए गए सुझावों से ऐसा किया जा सकता है, लेकिन उन सुझावों के साथ-साथ, विभिन्न गर्भावस्था परीक्षणों के साथ विकसित हो रहे बच्चे के स्वास्थ्य को ट्रैक करना बहुत महत्वपूर्ण है। गर्भावस्था और डायग्नोस्टिक टेस्ट एक साथ चलते हैं, इसलिए डायग्नोस्टिक टेस्ट के साथ बच्चे के स्वास्थ्य को ट्रैक करना भी बहुत महत्वपूर्ण है। अपने डॉक्टर से सलाह लें और अपनी स्थिति के आधार पर अपना गर्भावस्था परीक्षण बुक करें। हम परीक्षण के परिणामों की सटीकता के महत्व को समझते हैं। यही कारण है कि हम आपके लिए 100% सटीक परिणाम और सुविधा आपके दरवाजे पर लाते हैं। हम मुफ़्त होम सैंपल कलेक्शन सेवाएँ प्रदान करते हैं, इसलिए अभी अपना परीक्षण किफ़ायती रेंज में केवल गणेश डायग्नोस्टिक सेंटर से बुक करें
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
सामान्य गर्भावस्था परीक्षण क्या हैं?
सामान्य गर्भावस्था परीक्षण ट्रिपल मार्कर टेस्ट, मल्टीपल मार्कर टेस्ट, ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट हैं
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गर्भावस्था के लिए सबसे अच्छी युक्तियाँ क्या हैं?
खूब पानी पिएं, हल्की शारीरिक गतिविधि करें, कच्चा खाना खाने से बचें, शराब का सेवन न करें आदि