PET CT स्कैन, या पॉज़िट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी और कंप्यूटेड टोमोग्राफी का संयोजन, एक उन्नत...
अवलोकन:
PET CT स्कैन, या पॉज़िट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी और कंप्यूटेड टोमोग्राफी का संयोजन, एक उन्नत इमेजिंग टेस्ट है जिसका उपयोग रोगों का पता लगाने और शरीर के अंदर अंगों व ऊतकों की कार्यप्रणाली का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है।
इसमें दो प्रकार के स्कैन शामिल होते हैं:
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PET स्कैन चयापचय गतिविधि दर्शाता है।
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CT स्कैन शरीर की विस्तृत संरचना का चित्र प्रदान करता है।
इन दोनों के संयोजन से डॉक्टरों को कैंसर, हृदय रोग और मस्तिष्क विकार जैसी स्थितियों का अधिक सटीक निदान करने में मदद मिलती है।
1. स्कैन से पहले तैयारी (Preparation before the Scan)
सटीक परिणाम सुनिश्चित करने के लिए उचित तैयारी आवश्यक है। आपके डॉक्टर स्कैन के कारण के आधार पर आपको विशेष निर्देश देंगे।
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स्कैन से 4 से 6 घंटे पहले कुछ भी खाने से परहेज करें (पानी की अनुमति है)।
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स्कैन से 24 घंटे पहले कैफीन, शराब और तंबाकू से बचें।
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डॉक्टर को अपनी सभी दवाओं की जानकारी दें, विशेषकर यदि आपको मधुमेह या हृदय रोग है।
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हल्के कपड़े पहनें और धातु की वस्तुएं (गहने, बेल्ट, घड़ी) हटा दें।
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गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को परीक्षण से पहले डॉक्टर को अवश्य सूचित करना चाहिए।
इन निर्देशों का पालन करने से रेडियोधर्मी ट्रेसर के कार्य में किसी भी हस्तक्षेप से बचा जा सकता है।
2. रेडियोधर्मी ट्रेसर का इंजेक्शन (Injection of the Radioactive Tracer)
PET CT स्कैन की प्रक्रिया का मुख्य भाग रेडियोधर्मी ट्रेसर का इंजेक्शन है, जिसे आपकी बांह की नस में दिया जाता है। यह आमतौर पर ग्लूकोज का एक रूप होता है जिसमें बहुत सुरक्षित मात्रा में रेडियोधर्मी पदार्थ होता है।
ट्रेसर शरीर में फैलकर उन क्षेत्रों में जमा होता है जहाँ चयापचय गतिविधि अधिक होती है—जैसे ट्यूमर, सूजन वाले ऊतक या सक्रिय कोशिकाएँ।
इंजेक्शन के बाद, मरीज को लगभग 30–60 मिनट तक आराम से बैठना या लेटना होता है ताकि ट्रेसर शरीर में समान रूप से फैल सके।
इस दौरान चलना-फिरना या बात करना कम करना चाहिए ताकि छवियाँ विकृत न हों।
3. स्कैनिंग प्रक्रिया (The Scanning Process)
प्रतीक्षा अवधि समाप्त होने पर, मरीज को एक संकरी मेज पर लेटाया जाता है जो PET CT स्कैनर में स्लाइड होती है। यह एक बड़ी सुरंग के आकार की मशीन होती है।
स्कैन के दौरान:
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मरीज को स्थिर रहना होता है ताकि छवियाँ धुंधली न हों।
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स्कैनर शरीर के चारों ओर घूमकर विभिन्न कोणों से चित्र लेता है।
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CT स्कैन शरीर की संरचना दिखाता है जबकि PET स्कैन ऊतकों की कार्यशीलता रिकॉर्ड करता है।
4. PET CT स्कैन के बाद क्या होता है? (After the PET CT Scan)
स्कैन पूरा होने के बाद रोगी आमतौर पर तुरंत अपनी सामान्य गतिविधियाँ शुरू कर सकता है।
रेडियोधर्मी ट्रेसर सुरक्षित होता है और कुछ घंटों में मूत्र के माध्यम से बाहर निकल जाता है।
टेस्ट के बाद बहुत सारा पानी पीना ट्रेसर को जल्दी निकालने में मदद करता है।
अन्य प्रकार के PET CT स्कैन (Other Types of PET CT Scans)
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निष्कर्ष (Conclusion)
PET CT स्कैन एक सुरक्षित, दर्द रहित और उन्नत इमेजिंग तकनीक है जो शरीर की संरचना और कार्य दोनों की सटीक जानकारी प्रदान करती है।
यह डॉक्टरों को रोगों का प्रारंभिक निदान, उपचार की योजना और प्रगति की निगरानी करने में मदद करता है।
यदि आप PET CT स्कैन करवाने जा रहे हैं, तो पहले से इस प्रक्रिया के बारे में जानना चिंता को कम करने और अनुभव को सहज बनाने में सहायक है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs about PET CT Scan in Hindi)
प्रश्न 1: PET CT स्कैन का उपयोग किस लिए किया जाता है?
उत्तर: इसका उपयोग कैंसर, हृदय रोग, मस्तिष्क विकार और अन्य स्थितियों का पता लगाने के लिए किया जाता है। यह दर्शाता है कि शरीर के ऊतक और अंग कैसे काम कर रहे हैं।
प्रश्न 2: क्या PET CT स्कैन दर्दनाक होता है?
उत्तर: नहीं, PET CT स्कैन दर्द रहित है। इंजेक्शन के समय हल्की चुभन हो सकती है।
प्रश्न 3: पूरी प्रक्रिया में कितना समय लगता है?
उत्तर: तैयारी और स्कैनिंग सहित लगभग 1.5 से 2 घंटे का समय लगता है।
प्रश्न 4: क्या PET CT स्कैन से पहले उपवास करना जरूरी है?
उत्तर: हाँ, 4 से 6 घंटे पहले तक कुछ नहीं खाना चाहिए, लेकिन पानी पीना अनुमति है।
प्रश्न 5: क्या रेडियोधर्मी ट्रेसर सुरक्षित है?
उत्तर: हाँ, इसमें बहुत कम मात्रा में विकिरण होता है जो सुरक्षित है और कुछ घंटों में शरीर से स्वाभाविक रूप से निकल जाता है।

