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खराब वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) से होने वाली बीमारियाँ

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खराब वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) से होने वाली बीमारियाँ

खराब वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) से होने वाली बीमारियाँ

वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) हवा की शुद्धता या प्रदूषण का माप है। जब AQI का स्तर बढ़ता है, तो...

अवलोकन

वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) हवा की शुद्धता या प्रदूषण का मानक है। आमतौर पर, जब AQI बढ़ता है, तो हवा में हानिकारक प्रदूषक जैसे पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5 और PM10), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, और ओज़ोन का स्तर भी बढ़ता है। खराब वायु गुणवत्ता शहरी इलाकों में लाखों लोगों के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम बन जाती है। प्रदूषित हवा के दीर्घकालिक संपर्क से श्वसन, हृदय, तंत्रिका और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

खराब वायु गुणवत्ता शरीर को कैसे प्रभावित करती है

जब वायु प्रदूषण बढ़ता है, तो सूक्ष्म कण और हानिकारक गैसें सांस के माध्यम से शरीर में प्रवेश करती हैं। ये फेफड़ों में गहराई तक पहुँचकर रक्तप्रवाह में भी घुस सकती हैं, जिससे सूजन बढ़ती है और ऑक्सीडेटिव तनाव होता है। ये सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव डालकर रोग प्रतिरोधक क्षमता कम कर देते हैं। बच्चे, बुजुर्ग, और पूर्व से बीमार लोग इन प्रभावों के प्रति और अधिक संवेदनशील होते हैं।

खराब वायु गुणवत्ता से होने वाली प्रमुख बीमारियाँ

  1. श्वसन संबंधी रोग

    • अस्थमा: प्रदूषकों से अस्थमा के लक्षण बढ़ सकते हैं और दौरे पड़ सकते हैं।

    • क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिज़ीज़ (COPD): लगातार प्रदूषित हवा के संपर्क से यह रोग बिगड़ सकता है।

    • ब्रोंकाइटिस: प्रदूषित हवा से होने वाली सूजन और बलगम जमा हो सकता है।

  2. हृदय रोग

    • वायु प्रदूषक रक्त वाहिकाओं में सूजन उत्पन्न कर हृदयाघात, स्ट्रोक और उच्च रक्तचाप का जोखिम बढ़ाते हैं।

  3. फेफड़ों का कैंसर

    • बेंजीन, फॉर्मलाडेहाइड जैसे प्रदूषकों के दीर्घकालिक संपर्क से फेफड़ों में कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

  4. तंत्रिका संबंधी विकार

    • प्रदूषण के कारण मस्तिष्क की संज्ञानात्मक क्षमता प्रभावित हो सकती है, जिससे अल्जाइमर और पार्किंसंस जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं।

  5. एलर्जी और आँखों में जलन

    • प्रदूषित हवा के कारण आँखों में जलन, खुजली और एलर्जी जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं।

रोकथाम और सुरक्षात्मक उपाय

  • AQI की नियमित निगरानी करें और खराब वायु गुणवत्ता होने पर बाहर निकलने से बचें।

  • मास्क (N95/N99) का उपयोग करें, खासकर प्रदूषित क्षेत्र में।

  • घर में एयर प्यूरीफायर और वेंटिलेशन सिस्टम का उपयोग करके हवा साफ रखें।

  • धूम्रपान से बचें और वाहनों का इस्तेमाल कम करके पौधे लगाएं।

  • हाइड्रेटेड रहें और एंटीऑक्सीडेंट युक्त पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें।

श्वसन तंत्र पर खराब हवा के प्रभाव के लिए उपयोग किए जाने वाले परीक्षण

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  • खराब वायु गुणवत्ता सूचकांक किसे माना जाता है?
    100 से ऊपर का AQI संवेदनशील लोगों के लिए अस्वास्थ्यकर माना जाता है, और 150 से ऊपर सभी के लिए हानिकारक होता है।

  • क्या खराब वायु गुणवत्ता दीर्घकालिक बीमारियों का कारण बन सकती है?
    हाँ, यह लंबे समय तक श्वसन, हृदय और अन्य गंभीर रोगों का खतरा बढ़ाती है।

  • वायु प्रदूषण बच्चों को कैसे प्रभावित करता है?
    प्रदूषित हवा के संपर्क में आने वाले बच्चों में अस्थमा, एलर्जी और फेफड़ों की कार्यक्षमता कम होने की संभावना अधिक होती है।

  • क्या मास्क पहनने से प्रदूषण से बचा जा सकता है?
    N95 या N99 मास्क अधिकांश हानिकारक कण फ़िल्टर कर माहौल से सुरक्षा प्रदान करते हैं।

  • क्या घर के अंदर की हवा भी प्रदूषित होती है?
    हाँ, धूल, धुआं और खराब वेंटिलेशन के कारण घर के भीतर भी हवा प्रदूषित हो सकती है, जिसके लिए एयर प्यूरीफायर उपयोगी हैं।